Thursday, May 23, 2013

हजारों खुशबुएं दुनिया में हैं, पर उससे कमतर हैं,
किसी भूखे को जो सिकती हुई रोटी से आती है

ये माना आदमी में फूल जैसे रंग हैं लेकिन,
'कुँअर' तहज़ीब की खुशबू मुहब्बत ही से आती है
-कुँअर बेचैन

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