उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं,
ये मोतियों की तरह सीपियों में पलते हैं।
कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से,
कहीं भी जाऊं मिरे साथ-साथ चलते हैं।
- बशीर बद्र
ये मोतियों की तरह सीपियों में पलते हैं।
कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से,
कहीं भी जाऊं मिरे साथ-साथ चलते हैं।
- बशीर बद्र
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