Wednesday, December 19, 2012

किस रुत के मुंतज़िर हैं ये पेड़ रास्तों पर,
खुद धूप में खड़े हैं साया मुसाफिरों पर
-शाहज़ाद अहमद

(मुंतज़िर = प्रतीक्षारत)

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