Monday, December 24, 2012

रो रही है हर कली सारा चमन नाशाद है,
कौन कहता है कि गाँधी का वतन आज़ाद है।
-सन्तोष कुमार

[(चमन = बाग़, बागीचा);  (नाशाद = दुखी)]

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