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Spiritual Science
Tuesday, December 25, 2012
चल-चल के रुके, रुक-रुक के चले जो दिल ने कहा, वो हमने किया
सबकी मानी पर शाम ढले जो दिल ने कहा, वो हमने किया
-बशीर बद्र
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