Monday, April 15, 2013

ख़्वाब से बेदार होता है ज़रा महकूम अगर,
फिर सुला देती है उसको हुक्मरां की साहिरी ।
-अल्लामा इक़बाल

[(बेदार = जागृत), (महकूम = आश्रित), (हुक्मरां = प्रशासक), (साहिरी = जादूगरी)]

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