Saturday, April 6, 2013

नफ़स नफ़स है मुहब्बत किसी को क्या मालूम,
हयात ख़ुद है इबादत किसी को क्या मालूम ।
-कैफ़ भोपाली

(नफ़स नफ़स = साँस-साँस), (हयात = जीवन), (इबादत = ईश्वर की उपासना, पूजा)

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