नफ़स नफ़स है मुहब्बत किसी को क्या मालूम,
हयात ख़ुद है इबादत किसी को क्या मालूम ।
-कैफ़ भोपाली
(नफ़स नफ़स = साँस-साँस), (हयात = जीवन), (इबादत = ईश्वर की उपासना, पूजा)
हयात ख़ुद है इबादत किसी को क्या मालूम ।
-कैफ़ भोपाली
(नफ़स नफ़स = साँस-साँस), (हयात = जीवन), (इबादत = ईश्वर की उपासना, पूजा)
No comments:
Post a Comment