Wednesday, May 1, 2013

काग़ज़ का इक ताज महल है
काग़ज़ का अंदाज़ है जिस में
काग़ज़ का हर राज़ है जिस में
काग़ज़ के वादों में लिपटी
काग़ज़ की मुमताज़ है जिस में
-कँवल ज़ियाई

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