Saturday, May 4, 2013

थे केक की फ़िक्र में सो रोटी भी गई,
चाही थी शै बड़ी सो छोटी भी गई ।
वाइज़ की नसीहतें न मानी आख़िर,
पतलून की ताक में लंगोटी भी गई ।
-अकबर इलाहाबादी

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