आज मैंने अपना फ़िर सौदा किया
और फ़िर मै दूर से देखा किया
जिन्दगी भर मेरे काम आए उसूल
एक-इक करके उऩ्हे बेचा किया
बंध गयी थी दिल में कुछ उम्मीद-सी
ख़ैर, तुमने जो किया अच्छा किया
कुछ कमी अपनी वफ़ाओ में भी थी
तुमसे क्या कहते कि तुमने क्या किया
क्या बताऊँ कौन था जिसने मुझे
इस भरी दुनिया में है तऩ्हा किया
-जावेद अख़्तर
और फ़िर मै दूर से देखा किया
जिन्दगी भर मेरे काम आए उसूल
एक-इक करके उऩ्हे बेचा किया
बंध गयी थी दिल में कुछ उम्मीद-सी
ख़ैर, तुमने जो किया अच्छा किया
कुछ कमी अपनी वफ़ाओ में भी थी
तुमसे क्या कहते कि तुमने क्या किया
क्या बताऊँ कौन था जिसने मुझे
इस भरी दुनिया में है तऩ्हा किया
-जावेद अख़्तर
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