mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Saturday, May 4, 2013
बाकी है अभी तर्के-तमन्ना की आरज़ू,
क्यों कर कहूँ कि कोई तमन्ना नहीं मुझे।
-असीर
(तर्के-तमन्ना - इच्छाओं का त्याग)
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