Saturday, May 4, 2013

तू मेरा शौक़ देख, मेरा इंतजार देख

गुलज़ारे-हस्ती-बूद न बेगानावार देख,
है देखने की चीज़, इसे बार-बार देख।

(गुलज़ारे-हस्ती-बूद न बेगानावार देख = जीवन के बग़ीचे को उदासीन नज़र से न देख)

आया है तू जहाँ में मिसाले-शरार देख
दम दे न जाए हस्ती-ए-नापायादार देख

[(मिसाले-शरार=चिंगारी की तरह),  (हस्ती-ए-नापायादार=नाशवान/ नश्वर जीवन) 

माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं,
तू मेरा शौक़ देख, मेरा इंतजार देख।

(दीद= दर्शन, दीदार)

-अल्लामा इक़बाल

1 comment:

  1. माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं,
    तू मेरा शौक़ देख, मेरा इंतजार देख।❤️❤️

    ReplyDelete