गुलज़ारे-हस्ती-बूद न बेगानावार देख,
है देखने की चीज़, इसे बार-बार देख।
(गुलज़ारे-हस्ती-बूद न बेगानावार देख = जीवन के बग़ीचे को उदासीन नज़र से न देख)
आया है तू जहाँ में मिसाले-शरार देख
दम दे न जाए हस्ती-ए-नापायादार देख
[(मिसाले-शरार=चिंगारी की तरह), (हस्ती-ए-नापायादार=नाशवान/ नश्वर जीवन)
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं,
तू मेरा शौक़ देख, मेरा इंतजार देख।
(दीद= दर्शन, दीदार)
-अल्लामा इक़बाल
है देखने की चीज़, इसे बार-बार देख।
(गुलज़ारे-हस्ती-बूद न बेगानावार देख = जीवन के बग़ीचे को उदासीन नज़र से न देख)
आया है तू जहाँ में मिसाले-शरार देख
दम दे न जाए हस्ती-ए-नापायादार देख
[(मिसाले-शरार=चिंगारी की तरह), (हस्ती-ए-नापायादार=नाशवान/ नश्वर जीवन)
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं,
तू मेरा शौक़ देख, मेरा इंतजार देख।
(दीद= दर्शन, दीदार)
-अल्लामा इक़बाल
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं,
ReplyDeleteतू मेरा शौक़ देख, मेरा इंतजार देख।❤️❤️