आशना हो कर कभी नाआशना हो जायेगा
क्या ख़बर थी एक दिन वो बेवफ़ा हो जायेगा
[(आशना = मित्र, दोस्त), (नाआशना = अजनबी)]
मैंने अश्क़ों को जो अपने रोक कर रक्खा, मुझे
डर था इनके साथ तेरा ग़म जुदा हो जायेगा
क्या है तेरा क्या है मेरा गिन रहा है रात-दिन
आदमी इस कश्मकश में ही फ़ना हो जायेगा
मैं अकेला हूँ जो सारी दुनिया को है फ़िक्र, पर
तारों के संग चल पड़ा तो क़ाफ़िला हो जायेगा
.
मुझको कोई ख़ौफ़ रुसवाई का यूँ तो है नहीं
लोग समझाते हैं मुझको तू बुरा हो जायेगा
मैं समंदर सा पिये बैठा हूँ सारा दर्द जो
एक दिन गर फट पड़ा तो जाने क्या हो जायेगा
पत्थरों में 'दोस्त' किसको ढूँढता है हर पहर
प्यार से जिससे मिलेगा वो ख़ुदा हो जायेगा
-मानोशी
क्या ख़बर थी एक दिन वो बेवफ़ा हो जायेगा
[(आशना = मित्र, दोस्त), (नाआशना = अजनबी)]
मैंने अश्क़ों को जो अपने रोक कर रक्खा, मुझे
डर था इनके साथ तेरा ग़म जुदा हो जायेगा
क्या है तेरा क्या है मेरा गिन रहा है रात-दिन
आदमी इस कश्मकश में ही फ़ना हो जायेगा
मैं अकेला हूँ जो सारी दुनिया को है फ़िक्र, पर
तारों के संग चल पड़ा तो क़ाफ़िला हो जायेगा
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मुझको कोई ख़ौफ़ रुसवाई का यूँ तो है नहीं
लोग समझाते हैं मुझको तू बुरा हो जायेगा
मैं समंदर सा पिये बैठा हूँ सारा दर्द जो
एक दिन गर फट पड़ा तो जाने क्या हो जायेगा
पत्थरों में 'दोस्त' किसको ढूँढता है हर पहर
प्यार से जिससे मिलेगा वो ख़ुदा हो जायेगा
-मानोशी
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