Friday, January 3, 2014

वस्ल का दिन और इतना मुख़्तसर
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये

सारी दुनिया के हैं वो मेरे सिवा
मैंने दुनिया छोड़ दी जिन के लिये

लाश पर इबरत ये कहती है 'अमीर'
आये थे दुनिया में इस दिन के लिये
-अमीर मीनाई

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