सलाम उस पर अगर ऐसा कोई फनकार हो जाए
सियाही ख़ून बन जाए कलम तलवार हो जाए
ज़माने से कहो कुछ साएका-रफ्तार हो जाए
हमारे साथ चलने के लिए तैयार हो जाए
ज़माने को तमन्ना है तेरा दीदार करने की
मुझे ये फ्रिक है मुझ को मेरा दीदार हो जाए
वो जुल्फें साँप हैं बे-शक अगर ज़ंजीर बन जाएँ
मोहब्बत ज़हर है बे-शक अगर आज़ार हो जाए
मोहब्बत से तुम्हें सरकार कहते हैं वगरना हम
निगाहें डाल दें जिस पर वही सरकार हो जाए
-कैफ़ भोपाली
सियाही ख़ून बन जाए कलम तलवार हो जाए
ज़माने से कहो कुछ साएका-रफ्तार हो जाए
हमारे साथ चलने के लिए तैयार हो जाए
ज़माने को तमन्ना है तेरा दीदार करने की
मुझे ये फ्रिक है मुझ को मेरा दीदार हो जाए
वो जुल्फें साँप हैं बे-शक अगर ज़ंजीर बन जाएँ
मोहब्बत ज़हर है बे-शक अगर आज़ार हो जाए
मोहब्बत से तुम्हें सरकार कहते हैं वगरना हम
निगाहें डाल दें जिस पर वही सरकार हो जाए
-कैफ़ भोपाली
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