Saturday, August 23, 2014

रात भी, नींद भी, कहानी भी
हाय, क्या चीज़ है जवानी भी

एक पैग़ाम-ए-ज़िन्दगानी भी
आशिक़ी मर्गे-नागहानी भी

[(पैग़ाम-ए-ज़िन्दगानी = जीवन का सन्देश), (मर्गे-नागहानी= अचानक आने वाली मौत)]

इस अदा का तेरी जवाब नहीं
मेहरबानी भी, सरगरानी भी

(सरगरानी = गुस्सा, रोष, अप्रसन्नता)

दिल को अपने भी ग़म थे दुनिया में
कुछ बलायें थी आसमानी भी

मंसबे-दिल खुशी लुटाना है
ग़मे-पिन्हाँ की पासबानी भी

[(मंसबे-दिल = दिल का काम/ कर्तव्य/ फ़र्ज़), (ग़मे-पिन्हाँ = छिपा हुआ दुःख), (पासबानी = निरीक्षण, निगरानी)]

दिल को शोलों से करती है सेराब
ज़िन्दगी आग भी है, पानी भी

(सेराब = भीगा हुआ, पानी से सींचा हुआ)

शादकामों को ये नहीं तौफ़ीक़
दिले-गमगीं की शादमानी भी

(शादकाम= प्रसन्नचित, कामयाब), (तौफ़ीक= काबिलियत, सामर्थ्य, शक्ति), (शादमानी = खुशी)]

लाख हुस्न-ए-यकीं से बढकर है
उन निगाहों की बदगुमानी भी

तंगना-ए-दिले-मलूल में है
बहर-ए-हस्ती की बेकरानी भी

(तंगना-ए-दिले-मलूल = दुखी ह्रदय की सीमा), (बहर-ए-हस्ती = ज़िन्दगी का समन्दर),  (बेकरानी = जिसका किनारा न हो, अपार, असीम)

इश्क़े-नाकाम की है परछाई
शादमानी भी, कामरानी भी

(शादमानी = खुशी), (कामरानी = कामयाबी, सफ़लता)

देख दिल के निगारखाने में
ज़ख्म-ए-पिन्हाँ की है निशानी भी

निगारखाना = (चित्रालय, सजा हुआ मकान, मूर्तिग्रह), (ज़ख्म-ए-पिन्हाँ = आंतरिक घाव)

ख़ल्क़ क्या क्या मुझे नहीं कहती
कुछ सुनूं मैं तेरी ज़ुबानी भी

(खल्क = दुनिया, सृष्टी, जगत)

आये तारीख़-ए-इश्क़ में सौ बार
मौत के दौरे- दरमियानी भी

(तारीख़-ए-इश्क़ = मोहब्बत का इतिहास)
दौर=वक्त, समय दरमियानी=बीच में

अपनी मासूमियों के परदे में
हो गई वो नज़र सयानी भी

दिन को सूरजमुखी है वो नौगुल
रात को है वो रातरानी भी

(नौगुल = नया फ़ूल)

दिले-बदनाम तेरे बारे में
लोग कहते हैं इक कहानी भी

वज़्अ करते कोई नयी दुनिया
कि ये दुनिया हुई पुरानी भी

(वज़्अ  करते  = बनाते)

दिल को आदाबे-बंदगी भी ना आये
कर गये लोग हुक्मरानी भी

[(आदाबे-बंदगी = सेवाभाव), (हुक्मरानी = शासन चलाना, हुकूमत करना)]

जौरे-कमकम का शुक्रिया बस है
आप की इतनी मेहरबानी भी

(जौर = कहर)

दिल में एक हूक सी उठे ऐ दोस्त
याद आई तेरी जवानी भी

सर से पा तक सुपुर्दगी की अदा
एक अन्दाजे-तुर्कमानी भी

[(पा = पांव), (सुपुर्दगी=समर्पण), (तुर्कमानी=विद्रोही)

पास रहना किसी का रात की रात
मेहमानी भी, मेज़बानी भी

जो ना अक्स-ए-जबीं-ए-नाज़ की है
दिल में इक नूर-ए-कहकशानी भी

(अक्स-ए-जबीं-ए-नाज़ = किसी प्यारे का चेहरा), (नूर = प्रकाश), (कहकशां = आकाश गंगा)

ज़िन्दगी ऐन दीद-ए-यार ’फ़िराक़’
ज़िन्दगी हिज्र की कहानी भी

[(ऐन=  ठीक, सटीक, असलियत में), (दीद = दर्शन), (हिज्र = बिछोहजुदाई)]

-फ़िराक़ गोरखपुरी


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