Thursday, October 16, 2014

यहाँ तो उम्र गुज़री है मौज-ओ-तलातुम में
वो कोई और होंगे सैर-ए-साहिल देखने वाले
-असग़र गोंडवी

[(मौज-ओ-तलातुम = लहरों और तूफ़ानों), (सैर-ए-साहिल = किनारे की सैर)]

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