हम मुलाज़िम हैं मगर थोड़ी अना रखते हैं
हमसे हर हुक्म की तामील नहीं हो पाती
(मुलाज़िम = नौकर, सेवक), (अना = आत्मसम्मान), (हुक्म की तामील = आज्ञा का पालन)
-शकील आज़मी
हमसे हर हुक्म की तामील नहीं हो पाती
(मुलाज़िम = नौकर, सेवक), (अना = आत्मसम्मान), (हुक्म की तामील = आज्ञा का पालन)
-शकील आज़मी
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