Tuesday, April 7, 2015

नहीं तेरा जग में कोई कारोबार
अमल ही के ऊपर तेरा इख़्तियार
अमल जिसमे फल की भी ख़्वाहिश न हो
अमल जिसकी कोई नुमाइश न हो

-अनवर जलालपुरी


कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥

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