Wednesday, July 15, 2015

तन्हा तन्हा मत सोचा कर

तन्हा तन्हा मत सोचा कर
मर जाएगा मत सोचा कर

प्यार घड़ी भर का ही बहुत है
झूठा सच्चा मत सोचा कर

जिसकी फ़ितरत ही डसना हो
वो तो डसेगा मत सोचा कर

धूप में तन्हा कर जाता है
क्यों ये साया मत सोचा कर

अपना आप गंवा कर तू ने
पाया है क्या मत सोचा कर

मान मेरे 'शहज़ाद' वगरना
पछताएगा मत सोचा कर

-फ़रहत शहज़ाद

 

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