Friday, September 4, 2015

हँसती गाती तबीयत रखिये

हँसती गाती तबीयत रखिये
बच्चों वाली आदत रखिये

शोला, शबनम, शीशे जैसी
अपनी कोई फ़ितरत रखिये

हँसी, शरारत, बेपरवाही
इनमें अपनी रंगत रखिये

छेड़ - छाड़, आवारागर्दी
करने को भी फ़ुर्सत रखिये

भरे-भरे मानी की ख़ातिर
कभी-कभी कोरा ख़त रखिये

काम के इन्सां हो जाओगे
हम जैसों की सोहबत रखिये

-हस्तीमल 'हस्ती'

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