Tuesday, December 22, 2015

थोड़ा सा माहौल बनाना होता है

थोड़ा सा माहौल बनाना होता है
वरना किसके साथ ज़माना होता है

दुनिया में भरमार है नकली लोगों की
सौ में कोई एक दीवाना होता है

रात हमारे घर जल्दी आ जाया कर
हमें सवेरे काम पे जाना होता है

आज बिछड़ते वक़्त मुझे मालूम हुआ
लोगों में अहसास का खाना होता है

लाल किले की दीवारों पर लिखवा दो
दिल सबसे महफूज़ ठिकाना होता है

अच्छे लोगों पर ही उँगली उठती है
सच की किस्मत में अफसाना होता है

आँसू पहली शर्त है इस समझौते की
ग़म तो साँसों का जुर्माना होता है

इश्क़ में सब खुश होकर सूली चढ़ते हैं
सारा ज़ब्र रज़ा कराना होता है

(ज़ब्र = किसी बात के लिए मजबूर करना, अन्याय, अत्याचार), (रज़ा = स्वीकृति, मर्ज़ी, इच्छा)

-शकील जमाली 

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