Monday, December 21, 2015

शाल दुशाले खूब ओढ़ाए पेट का हाल नहीं पूछा
आज की बात तो सबने पूछी बीता साल नहीं पूछा

यही सुखनवर की है कहानी अश्क हैं उसकी आँखों में
हँसकर सारी महफ़िल चल दी उसका हाल नहीं पूछा

-सुरेन्द्र अश्क़ रामपुरी 

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