शाल दुशाले खूब ओढ़ाए पेट का हाल नहीं पूछा
आज की बात तो सबने पूछी बीता साल नहीं पूछा
यही सुखनवर की है कहानी अश्क हैं उसकी आँखों में
हँसकर सारी महफ़िल चल दी उसका हाल नहीं पूछा
-सुरेन्द्र अश्क़ रामपुरी
आज की बात तो सबने पूछी बीता साल नहीं पूछा
यही सुखनवर की है कहानी अश्क हैं उसकी आँखों में
हँसकर सारी महफ़िल चल दी उसका हाल नहीं पूछा
-सुरेन्द्र अश्क़ रामपुरी
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