हर लज़्ज़त-ए-दुनिया को चख, हर सांस को गिन-गिन के रख
सब जीते-जी के ठाट हैं, बाद-ए-फ़ना कुछ भी नहीं
-शाज़ तमकनत
(लज़्ज़त-ए-दुनिया = दुनिया का आनंद), (बाद-ए-फ़ना = मौत बाद)
सब जीते-जी के ठाट हैं, बाद-ए-फ़ना कुछ भी नहीं
-शाज़ तमकनत
(लज़्ज़त-ए-दुनिया = दुनिया का आनंद), (बाद-ए-फ़ना = मौत बाद)
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