mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Thursday, November 3, 2016
उस मरहले को मौत भी कहते हैं दोस्तों
इक पल में टूट जाए जहाँ उम्र भर का साथ
-शकेब जलाली
(मरहले = ठिकाने, मंज़िलें, पड़ाव)
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