Monday, December 11, 2017

एक आँसू ने डुबोया मुझ को उन की बज़्म में
बूँद भर पानी से सारी आबरू पानी हुई
-शेख़ इब्राहीम ज़ौक़

(बज़्म = महफ़िल)

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