Monday, January 29, 2018

इन्हें नामों से मैं पहचानता हूँ
मेरे दुश्मन मेरे अंदर खड़े हैं

किसी दिन चाँद निकला था यहाँ से
उजाले आज भी छत पर खड़े हैं

- राहत इंदौरी

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