mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Monday, February 26, 2018
सख़्तियाँ बढ़ रहीं हैं आलम की
हौसले मुस्कुराए जाते हैं
-शायर: नामालूम
(आलम = दशा, हालत, दुनिया, संसार)
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