सजदों में लुटा देते हैं अश्कों के नगीने
दुनिया के ख़ुदाओं से शिकायत नहीं करते
कुछ और बढ़ा देते हैं लौ अपने लहू में
हम तेज़ हवाओं से शिकायत नहीं करते
-मुबारक सिद्दीक़ी
दुनिया के ख़ुदाओं से शिकायत नहीं करते
कुछ और बढ़ा देते हैं लौ अपने लहू में
हम तेज़ हवाओं से शिकायत नहीं करते
-मुबारक सिद्दीक़ी
No comments:
Post a Comment