Tuesday, March 31, 2020

कुछ मर गए के उनको, पहुँचना न था कहीं
और कुछ कहीं पहुँचने की, जल्दी में मर गए

दौलत थी बे-पनाह प, ख़ाली थी दिल की जेब
कितने अमीर लोग, ग़रीबी में मर गए

-फ़रहत एहसास

(प = पर)

No comments:

Post a Comment