Thursday, October 22, 2020

तुम लगाते चलो अश्जार जिधर से गुज़रो
उस के साए में जो बैठेगा, दुआ ही देगा
-नामालूम

(अश्जार = बहुत सारे पेड़, "शजर" का बहुवचन)

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