Thursday, January 21, 2021

होंठों पर मुस्कान पढ़ा कर

होंठों पर मुस्कान पढ़ा कर
ग़म का तू उनवान पढ़ा कर।

(उनवान = शीर्षक)

फिर गीता क़ुरआन पढ़ा कर
पहले दिल नादान पढ़ा कर।

हर्फ़ बड़े मुश्किल फ़ितरत के
चेहरा है आसान पढ़ा कर।

(हर्फ़ = अक्षर), (फ़ितरत = स्वाभाव, प्रकृति)

ताज बचाना है गर तुझको
आंखों में तूफान पढ़ा कर।

हुक़्म उदूली कर दुनिया की
पर दिल का फ़रमान पढ़ा कर।

(हुक़्म उदूली = कहना न मानना), (फ़रमान = राजकीय आज्ञापत्र, आज्ञा, आदेश, हुक्म  )

हाथ मेरा ऐ पढ़ने वाले
आंखें हैं पहचान पढ़ा कर।

आसां होगी फिर हर मुश्किल
मुश्किल को आसान पढ़ा कर।

कृष्ण नज़र आएंगे तुझको
मीरा और रसखान पढ़ा कर।

आ जाएगा ग़ज़लें कहना
ग़ालिब का दीवान पढ़ा कर।

- विकास वाहिद 

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