mir-o-ghalib
जगजीत-चित्रा जी की ग़ज़लों और नज़्मों के लिए यहाँ क्लिक करें
मीर तक़ी मीर और मिर्ज़ा ग़ालिब के चाहने वाले ये ब्लॉग भी देखें: मीर-ओ-ग़ालिब
Spiritual Science
Sunday, July 18, 2021
मज़ा आता अगर गुज़री हुई बातों का अफ़्साना
कहीं से तुम बयाँ करते कहीं से हम बयाँ करते
-वहशत रज़ा अली कलकत्वी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment