Monday, April 1, 2013

शमा जिस आग में जलती है नुमाइश के लिये,
हम उसी आग में गुमनाम से जल जाते हैं ।

जब भी आता है मेरा नाम तेरे नाम के साथ,
जाने क्यूँ लोग मेरे नाम से जल जाते हैं ।
-क़तील शिफाई

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