वस्ल हो जाय यहीं, हश्र में क्या रक्खा है ?
आज की बात को क्यों कल पे उठा रक्खा है ?
तुझ से माँगूँ मैं तुझी को कि सभी कुछ मिल जाय
सौ सवालों से यही एक सवाल अच्छा है
-अमीर मीनाई
[(वस्ल = मिलन), (हश्र = क़यामत)]
आज की बात को क्यों कल पे उठा रक्खा है ?
तुझ से माँगूँ मैं तुझी को कि सभी कुछ मिल जाय
सौ सवालों से यही एक सवाल अच्छा है
-अमीर मीनाई
[(वस्ल = मिलन), (हश्र = क़यामत)]
waah waah....
ReplyDeletesab kuchh khuda se maang liya
ek tujhko maangkar.......