Wednesday, February 24, 2016

जब खुली आँखें तो इन आँखों को रोना आ गया

जब खुली आँखें तो इन आँखों को रोना आ गया
मैंने समझा वाकई मौसम सलोना आ गया

डर रहा हूँ बेनियाज़ी अब कहाँ ले जाएगी
चलते-फिरते भी मेरी आँखों को सोना आ गया

(बेनियाज़ी = स्वछंदता)

एक चुल्लू आब लेकर फिर रहा है इस तरह
जैसे गागर में उसे सागर समोना आ गया

(आब = पानी, जल)

देखकर अंजाम फूलों का मैं घबराया बहुत
खुशगुमानी थी कि धागों में पिरोना आ गया

क्यों शिकायत है भला दरिया की वुसअत से हमें
चंद कतरों ही से जब लब को भिगोना आ गया

(वुसअत = विस्तार)

तख़्त पर बैठा हुआ यों खेलता हूँ ताज से
जैसे इक बच्चे के हाथों में खिलौना आ गया

कोई भी 'आलम' लबे-दरिया अभी पहुँचा नहीं
नाख़ुदाओं को मगर कश्ती डुबोना आ गया

(लबे-दरिया = नदी का किनारा/ तट), (नाख़ुदाओं = नाविकों)

- आलम खुर्शीद

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