Tuesday, March 22, 2016

ऐ अब्र-ए-मुहब्बत, तू कहीं और बरसना
मैं रेत का टीला हूँ, मेरी प्यास बहुत है
-नामालूम

(अब्र-ए-मुहब्बत = मुहब्बत के बादल)

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