mir-o-ghalib
जगजीत-चित्रा जी की ग़ज़लों और नज़्मों के लिए यहाँ क्लिक करें
मीर तक़ी मीर और मिर्ज़ा ग़ालिब के चाहने वाले ये ब्लॉग भी देखें: मीर-ओ-ग़ालिब
Spiritual Science
Tuesday, March 22, 2016
ऐ अब्र-ए-मुहब्बत, तू कहीं और बरसना
मैं रेत का टीला हूँ, मेरी प्यास बहुत है
-नामालूम
(अब्र-ए-मुहब्बत = मुहब्बत के बादल)
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment