छत की हालत ठीक नहीं है
देख इमारत ठीक नहीं है
ख़ुद से ख़ुद ही टकराता है
रोज़ बग़ावत ठीक नहीं है
मत रखो चेहरे पर मन को
साफ़ इबारत ठीक नहीं है
जिससे सिर्फ़ मिले रुसवाई
ऐसी चाहत ठीक नहीं है
सुख से रहना अच्छा लेकिन
सुख की आदत ठीक नहीं है
-अश्वघोष
देख इमारत ठीक नहीं है
ख़ुद से ख़ुद ही टकराता है
रोज़ बग़ावत ठीक नहीं है
मत रखो चेहरे पर मन को
साफ़ इबारत ठीक नहीं है
जिससे सिर्फ़ मिले रुसवाई
ऐसी चाहत ठीक नहीं है
सुख से रहना अच्छा लेकिन
सुख की आदत ठीक नहीं है
-अश्वघोष
No comments:
Post a Comment