Saturday, June 4, 2016

दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे
-दाग़ देहलवी

(रंज = कष्ट, दुःख, आघात, पीड़ा)

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