इस दिल से मजबूर रहूँगा
अब तुमसे कुछ दूर रहूँगा
तुम्हे बनाया है क्या मैंने
सोच के ये मग़रूर रहूँगा
बहुत देख ली रोशनी मैंने
अब कुछ दिन बेनूर रहूँगा
नहीं मिला है कुछ दुनिया से
अब ख़ुद में ही चूर रहूँगा
जब तक हूँ महबूस तुम्हारा
तब तक मैं माज़ूर रहूँगा
(महबूस = क़ैदी), (माज़ूर = असमर्थ, विवश)
जब तक इश्क़ का नाम है 'रोहित'
तब तक मैं मशहूर रहूँगा
-रोहित जैन
https://rohitler.wordpress.com/
अब तुमसे कुछ दूर रहूँगा
तुम्हे बनाया है क्या मैंने
सोच के ये मग़रूर रहूँगा
बहुत देख ली रोशनी मैंने
अब कुछ दिन बेनूर रहूँगा
नहीं मिला है कुछ दुनिया से
अब ख़ुद में ही चूर रहूँगा
जब तक हूँ महबूस तुम्हारा
तब तक मैं माज़ूर रहूँगा
(महबूस = क़ैदी), (माज़ूर = असमर्थ, विवश)
जब तक इश्क़ का नाम है 'रोहित'
तब तक मैं मशहूर रहूँगा
-रोहित जैन
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