Friday, July 8, 2016

इस दिल से मजबूर रहूँगा

इस दिल से मजबूर रहूँगा
अब तुमसे कुछ दूर रहूँगा

तुम्हे बनाया है क्या मैंने
सोच के ये मग़रूर रहूँगा

बहुत देख ली रोशनी मैंने
अब कुछ दिन बेनूर रहूँगा

नहीं मिला है कुछ दुनिया से
अब ख़ुद में ही चूर रहूँगा

जब तक हूँ महबूस तुम्हारा
तब तक मैं माज़ूर रहूँगा

(महबूस = क़ैदी), (माज़ूर = असमर्थ, विवश)

जब तक इश्क़ का नाम है 'रोहित'
तब तक मैं मशहूर रहूँगा

-रोहित जैन

https://rohitler.wordpress.com/

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