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Spiritual Science
Thursday, October 13, 2016
मुफ़लिस के बदन को भी है चादर की ज़रूरत
अब खुल के मज़ारों पे ये ऐलान किया जाए
-क़तील शिफ़ाई
(मुफ़लिस = ग़रीब)
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