Friday, January 20, 2017

तदबीर के दस्त-ए-रंगीं से तक़दीर दरख़्शाँ होती है
क़ुदरत भी मदद फ़रमाती है जब कोशिश-ए-इंसाँ होती है
-हफ़ीज़ बनारसी

(तदबीर = उपाय, युक्ति, प्रयत्न, कोशिश ), (दस्त-ए-रंगीं = रंगीन हाथ), (तक़दीर = क़िस्मत), (दरख़्शाँ = चमकता हुआ, चमकीला)

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