ख़्वाब देखो, कोई ख़्वाहिश तो करो
जीना आसान है, कोशिश तो करो
आज भी प्यार है दुनिया में बहुत
जोड़कर हाथ गुज़ारिश तो करो
जंग ये जीती भी जा सकती है
ज़िंदगी से कोई साज़िश तो करो
सब्ज़-ओ-गुल हैं इसी ख़ाक तले
बनके बादल कभी बारिश तो करो
लोग मरहम भी लगायेंगे 'शकील'
पहले ज़ख़्मों की नुमाइश तो करो
-शकील आज़मी
जीना आसान है, कोशिश तो करो
आज भी प्यार है दुनिया में बहुत
जोड़कर हाथ गुज़ारिश तो करो
जंग ये जीती भी जा सकती है
ज़िंदगी से कोई साज़िश तो करो
सब्ज़-ओ-गुल हैं इसी ख़ाक तले
बनके बादल कभी बारिश तो करो
लोग मरहम भी लगायेंगे 'शकील'
पहले ज़ख़्मों की नुमाइश तो करो
-शकील आज़मी
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