Saturday, January 19, 2019

दुनिया-ए-तसव्वुर हम आबाद नहीं करते

दुनिया-ए-तसव्वुर हम आबाद नहीं करते
याद आते हो तुम ख़ुद ही हम याद नहीं करते

(दुनिया-ए-तसव्वुर = ख़यालों/ यादों की दुनिया)

वो जौर-ए-मुसलसल से बाज़ आ तो गए लेकिन
बे-दाद ये क्या कम है बे-दाद नहीं करते

(निरंतर अत्याचार/ ज़ुल्म करना), (बे-दाद = अन्याय)

साहिल के तमाशाई हर डूबने वाले पर
अफ़सोस तो करते हैं इमदाद नहीं करते

(साहिल = किनारा), (इमदाद = मदद, सहायता)

कुछ दर्द की शिद्दत है कुछ पास-ए-मोहब्बत है
हम आह तो करते हैं फ़रियाद नहीं करते

(पास-ए-मोहब्बत = प्यार का लिहाज़/ सम्मान)

सहरा से बहारों को ले आए चमन वाले
और अपने गुलिस्ताँ को आबाद नहीं करते

(सहरा = रेगिस्तान, जंगल, बियाबान)

-फ़ना निज़ामी कानपुरी

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