कौन सी जा है जहाँ जल्वा-ए-माशूक़ नहीं
शौक़-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर
-अमीर मीनाई
(जल्वा-ए-माशूक़ = प्रेमिका की सुंदरता/ छवि), (शौक़-ए-दीदार = देखने की लालसा/ इच्छा)
शौक़-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर
-अमीर मीनाई
(जल्वा-ए-माशूक़ = प्रेमिका की सुंदरता/ छवि), (शौक़-ए-दीदार = देखने की लालसा/ इच्छा)
No comments:
Post a Comment