Friday, February 22, 2019

कौन सी जा है जहाँ जल्वा-ए-माशूक़ नहीं
शौक़-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर
-अमीर मीनाई

(जल्वा-ए-माशूक़ = प्रेमिका की सुंदरता/ छवि), (शौक़-ए-दीदार = देखने की लालसा/ इच्छा)

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