Friday, May 10, 2019

पहले अपना मुआयना करना

पहले अपना मुआयना करना
फिर ज़माने पे तब्सरा करना

(तब्सरा = आलोचना, समीक्षा, तन्कीद)

एक सच्ची पुकार काफ़ी है
हर घड़ी क्या ख़ुदा-खुदा करना

ग़ैर मुमकिन भी है गुनाह भी है
पर को परवाज़ से जुदा करना

अहमियत वे अना की क्या जानें
ख़ूँ में जिनके है याचना करना

(अना = आत्मसम्मान)

आप ही अपने काम आएँगे
सीखिए ख़ुद से मशवरा करना

-हस्तीमल 'हस्ती'

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