जो भी टूटा है वो टूटा है सँवरने के लिए कौन रोता है तेरी याद में मरने के लिए
आँख नम होती है जब भी मैं समझ लेता हूँ कोई खुशबू सी है तैयार बिखरने के लिए
तोड़ना चाहो जो वादे तो सबब मत ढूंढो बेजुबानी भी बहुत होगी मुकरने के लिए
(सबब = कारण)
अबके पानी के बरसने का सबब तू जाने रंग बरसे हैं तेरी मांग ही भरने के लिए
ज़िद पे आ जाऊँ तो खुद को भी डुबो देता हूँ हौसला चाहिए दरिया में उतरने के लिए
तंग हाथों भी बहुत खर्च किया है खुद को मेरी आदत है बहुत हद से गुजरने के लिए
-अस्तित्व अंकुर
Friday, July 3, 2015
The woods are lovely, dark and deep,
But I have promises to keep,
And miles to go before I sleep
And miles to go before I sleep.
-Robert Frost
बच्चन जी का अनुवाद:
गहन सघन मनमोहक वन तरु, मुझको आज बुलाते हैं,
किन्तु किये जो वादे मैने याद मुझे आ जाते हैं
अभी कहाँ आराम बदा, यह मूक निमंत्रण छलना है
अरे अभी तो मीलों मुझको, मीलों मुझको चलना है ।
अहद निभाने की ख़ातिर मत आना (अहद = प्रतिज्ञा, वचन)
अहद निभानेवाले अक्सर मजबूरी या
महजूरी की थकन से लौटा करते हैं (महजूरी = विरह, वियोग, जुदाई)
तुम जाओ और दरिया-दरिया प्यास बुझाओ
जिन आँखों में डूबो
जिस दिल में भी उतरो
मेरी तलब आवाज़ न देगी
लेकिन जब मेरी चाहत
और मेरी ख़्वाहिश की लौ
इतनी तेज़ और इतनी ऊँची हो जाये
जब दिल रो दे
तब लौट आना