Showing posts with label -शायर: अदम. Show all posts
Showing posts with label -शायर: अदम. Show all posts

Tuesday, July 2, 2013

-

साक़ी मेरे ख़ुलूस की शिद्दत को देखना
फिर आ गया हूँ गर्दिशे-दौराँ को टालकर
-अदम

(ख़ुलूस = सरलता और निष्कपटता, सच्चाई, निष्ठां), (शिद्दत = तीव्रता), (गर्दिशे-दौराँ = कालचक्र, समय का उलटफेर)

आरज़ू है फ़रेब खाने की

देखकर दिलकशी ज़माने की,
आरज़ू है फ़रेब खाने की ।

ऐ ग़मे ज़िन्दगी न हो नाराज़,
मुझको आदत है मुस्कुराने की ।

ज़ुल्मतों से न डर कि रस्ते में,
रौशनी है शराबखाने की ।

(ज़ुल्मतों से = अंधेरों से)

-अदम