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Wednesday, July 15, 2015

तन्हा तन्हा मत सोचा कर

तन्हा तन्हा मत सोचा कर
मर जाएगा मत सोचा कर

प्यार घड़ी भर का ही बहुत है
झूठा सच्चा मत सोचा कर

जिसकी फ़ितरत ही डसना हो
वो तो डसेगा मत सोचा कर

धूप में तन्हा कर जाता है
क्यों ये साया मत सोचा कर

अपना आप गंवा कर तू ने
पाया है क्या मत सोचा कर

मान मेरे 'शहज़ाद' वगरना
पछताएगा मत सोचा कर

-फ़रहत शहज़ाद

 

Saturday, December 20, 2014

एक बस तू ही नहीं मुझसे ख़फ़ा हो बैठा

एक बस तू ही नहीं मुझसे ख़फ़ा हो बैठा
मैंने जो संग तराशा था ख़ुदा हो बैठा

(संग = पत्थर)

उठ के मंज़िल ही अगर आये तो शायद कुछ हो
शौक़-ए-मंज़िल तो मेरा आबला-पा हो बैठा

(आब्ला-पा = छाले वाले पाँव)

मसलह्त छीन गई क़ुव्वत-ए-ग़ुफ़्तार मगर
कुछ न कहना ही मेरा मेरी ख़ता हो बैठा

(मस्लहत = समझदारी), (क़ुव्वत-ए-ग़ुफ़्तार = बात करने की ताकत)

शुक्रिया ऐ मेरे क़ातिल ऐ मसीहा मेरे
ज़हर जो तूने दिया था वो दवा हो बैठा

जान-ए-शहज़ाद को मिन-जुम्ला-ए-आदा पा कर
हूक वो उट्ठी कि जी तन से जुदा हो बैठा

(मिन-जुम्ला-ए-आदा = दुश्मनों में से एक)

-फ़रहत शहज़ाद

मेहदी हसन/ Mehdi Hassan

आबिदा परवीन/ Abida Parveen