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Thursday, January 24, 2019

दिल से अगर कभी तिरा अरमान जाएगा

दिल से अगर कभी तिरा अरमान जाएगा
घर को लगा के आग ये मेहमान जाएगा

सब होंगे उस से अपने तआरुफ़ की फ़िक्र में
मुझ को मिरे सुकूत से पहचान जाएगा

(सुकूत = मौन, चुप्पी, ख़ामोशी)

इस कुफ़्र-ए-इश्क़ से मुझे क्यूँ रोकते हो तुम
ईमान वालो मेरा ही ईमान जाएगा

आज उस से मैं ने शिकवा किया था शरारतन
किस को ख़बर थी इतना बुरा मान जाएगा

अब इस मक़ाम पर हैं मिरी बे-क़रारियाँ
समझाने वाला हो के पशेमान जाएगा

 (पशेमान = शर्मिंदा)

दुनिया पे ऐसा वक़्त पड़ेगा कि एक दिन
इंसान की तलाश में इंसान जाएगा

-फ़ना निज़ामी कानपुरी

Monday, December 16, 2013

वहाँ कैसे कोई दिया जले, जहाँ दूर तक हवा न हो
उन्हें हाले-दिल न सुनाइये, जिन्हें दर्दे-दिल का पता न हो

हों अजब तरह की शिकायतें, हों अजब तरह की इनायतें
तुझे मुझसे शिकवे हज़ार हों, मुझे तुझसे कोई गिला न हो

कोई ऐसा शेर भी दे ख़ुदा, जो तेरी अता हो, तेरी अता
कभी जैसा मैंने कहा न हो, कभी जैसा मैंने सुना न हो

न दिये का है, न हवा का है, यहाँ जो भी कुछ है ख़ुदा का है
यहाँ ऐसा कोई दिया नहीं, जो जला हो और वो बुझा न हो

मैं मरीज़े-इश्क़ हूँ चारागर, तू है दर्दे-इश्क़ से बेख़बर
ये तड़प ही इसका इलाज है, ये तड़प न हो तो शिफ़ा न हो

-नवाज़ देवबंदी

Tuesday, February 12, 2013

किस शौक़, किस तमन्ना, किस दर्जा सादगी से,
हम आपकी शिकायत करते हैं आप ही से ।
-शकील बदायूँनी


Sunday, October 7, 2012

मेरे शिकवों पे उस ने हंस कर कहा 'फ़राज़'
किस ने की थी वफ़ा जो हम करते
-अहमद फ़राज़

Tuesday, October 2, 2012

कहूँ कुछ उससे मगर ख़याल होता है
शिकायतों का नतीजा अक्सर मलाल होता है
-परवीन शाकिर

Tuesday, September 25, 2012

असर दिल पर करे शिकवा, शिकायत हो तो ऐसी हो
गले लग कर कोई रोये, नदामत हो तो ऐसी हो

यही महसूस हो जैसे, कई सदियाँ गुजारी हैं
फ़क़त एक पल की फुरक़त में, अज़ीयत हो तो ऐसी हो

मुझे कांटा चुभे और उस की आँखों से लहू टपके
ताल्लुक हो तो ऐसा हो, मुहब्बत हो तो ऐसी हो.
-शायर: नामालूम